क्या इलेक्ट्रिक वाहन दक्षिण एशिया में रोजगार सृजन करेंगे?
जैसे-जैसे विश्व में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बदलाव तेज़ हो रहा है, देश अपने जलवायु संबंधी लक्ष्यों को पूरा करने, ईंधन आयात पर निर्भरता कम करने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर साहसिक दांव लगा रहे हैं। दक्षिण एशिया में भी, ईवी परिवर्तन को औद्योगिक बदलाव और रोजगार सृजन के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में देखा जा रहा है।
रोजगार सृजन की वास्तविकता अधिक जटिल है।
यद्यपि इलेक्ट्रिक वाहनों में उच्च-गुणवत्ता वाले, भविष्योन्मुखी रोज़गार पैदा करने की क्षमता है, किंतु यह परिणाम यों ही प्राप्त नहीं होगा। लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों के अभाव में, इस बदलाव से पारंपरिक भूमिकाओं में रोज़गार कम हो सकते हैं और उभरते क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी हाथ से निकल सकते हैं।
ईवी विनिर्माण - कम पुर्जे, कम नौकरियां?
पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (आई सी ई) वाहनों के प्रतिकूल, इलेक्ट्रिक वाहनों में अपेक्षाकृत कम गतिशील पुर्जे, सरल ड्राइवट्रेन होते हैं और जटिल यांत्रिक संयोजनों की सीमित आवश्यकता होती है। परिणामस्वरूप, इनके विनिर्माण में काफी कम श्रम की आवश्यकता होती है। एक सामान्य इलेक्ट्रिक वाहन में एक पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (आई सी ई) वाहन के पुर्जों की संख्या के लगभग 10 प्रतिशत ही पुर्जे होते हैं।
भारत में, आईफॉरेस्ट संस्था के हाल ही के आकलनों में यह सुझाव दिया गया है कि पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन से जुड़ी लगभग 31 प्रतिशत मौजूदा रोजगार प्रभावित हो सकते हैं, जिनमें से 14 प्रतिशत रोजगार अनावश्यक हो जाएंगे और शेष 17 प्रतिशत रोजगारों को पुनः कौशल विकास की आवश्यकता होगी। सबसे अधिक प्रभाव पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (आई सी ई) के विनिर्माण में, विशेष रूप से इंजन कास्टिंग, गियरबॉक्स मशीनिंग और एग्जॉस्ट सिस्टम असेंबली जैसे कार्यों पर पड़ सकता है।
यद्यपि पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (आई सी ई) वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन को कुछ समय तक साथ-साथ रखने से रोजगार के अस्थायी लाभ प्राप्त हो सकते हैं, किंतु मध्यम एवं दीर्घकालिक दृष्टिकोण से प्रत्यक्ष विनिर्माण संबंधी नौकरियों में विशुद्ध रूप से कमी होने का संकेत देता है, जब तक कि वैकल्पिक अवसर सक्रिय रूप से सृजित नहीं किए जाते हैं।
वास्तविक अवसर विनिर्माण से परे हैं
तथापि, यदि इलेक्ट्रिक वाहन की समग्र मूल्य श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया जाए, तो यह चुनौती एक अवसर बन सकती है। एक ऐसी समग्र मूल्य श्रृंखला–जिसमें वाहन डिज़ाइन, बैटरी निर्माण से लेकर परिनियोजन, वित्तपोषण, स्मार्ट बुनियादी ढांचे और रिसाइक्लिंग तक के कार्य शामिल हैं–रोज़गार, उद्यमिता और नवाचार के विविध अवसर प्रदान करती है।
चित्र 1: ईवी विनिर्माण किस प्रकार रोजगार सृजन को गति दे सकता है
विश्व बैंक के रोजगार वर्धक कार्यक्रम के तहत किए गए मूल्य श्रृंखला विश्लेषण में सुझाव दिया गया है कि तीन प्रमुख क्षेत्रों में कार्यनीतिक निवेश दक्षिण एशिया में अपार रोज़गार संभावनाएं खोल सकता है:
- ईवी डिज़ाइन, इंजीनियरिंग और परीक्षण में नवाचार को गति देना: ईवी क्षेत्र में नौकरियां केवल असेंबली के बजाय उत्पाद डिज़ाइन और विकास, सिस्टम एकीकरण और परीक्षण जैसे उच्च-मूल्य वाले कार्यों के इर्द-गिर्द केंद्रित होंगी। इसका लाभ उठाने के लिए, दक्षिण एशियाई देशों को साझा प्रोटोटाइपिंग और परीक्षण अवसंरचना में खासकर बैटरियों, मोटरों और पूर्ण-वाहन प्रणालियों के लिए कार्यनीतिक निवेश पर विचार करना चाहिए ताकि नए वाहन निर्माताओं के लिए प्रवेश की बाधाएं कम हों, प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़े और नवाचार चक्रों में गति आए। ई-मोटर्स, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और एम्बेडेड सॉफ़्टवेयर जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के लिए लक्षित सहायता से समग्र ईवी मूल्य श्रृंखला में इंजीनियरिंग क्षमताओं को मज़बूत करना भी महत्वपूर्ण है। अंततः, दक्षिण एशियाई देशों को ईवी अवयवों के लिए, जिनमें से कई वर्तमान में आयात किए जाते हैं, टूलिंग और मोल्ड्स के विकास को स्थानीय बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए, ताकि अधिक आत्मनिर्भरता और विनिर्माण दक्षता का सृजन हो सके।
- ईवी-संबद्ध गतिशीलता सेवाओं को सुविधाजनक बनाना: इलेक्ट्रिक वाहनों क्षमता का पूर्ण एहसास करने के लिए, उन्हें केवल उत्पादों के रूप में नहीं, बल्कि ऐसे प्लेटफ़ॉर्म के रूप में देखना ज़रूरी है जो गतिशीलता सेवाओं के एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र को सुविधाजनक बनाते हैं। जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों खासकर दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों, का उपयोग बढ़ रहा है वैसे-वैसे सार्वजनिक परिवहन और वाणिज्यिक बेड़ों में—बेड़ों के संचालन, रखरखाव और डिजिटल बेड़ा प्रबंधन के इर्द-गिर्द सेवाओं का एक नया स्तर उभर रहा है। सरकारें यात्री और मालवाहक दोनों प्रकार की गतिशीलता के लिए फ्लीट-एज़-ए-सर्विस (FaaS) मॉडल को सक्षम करके इस बदलाव का समर्थन कर सकती हैं, जिससे बेड़े के संचालन, चालक प्रशिक्षण और वाहन रखरखाव में स्थानीय रोज़गार के अवसर पैदा हो सकते हैं। वाहन ट्रैकिंग, मार्ग अनुकूलन और पूर्वानुमानित निदान के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे को मज़बूत करना कुशल बेड़े के प्रदर्शन की कुंजी होगा। इसके अतिरिक्त, स्थानीय गतिशीलता प्रदाताओं और प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने से इन समाधानों को शहर स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिल सकती है।
- स्मार्ट शहरी बुनियादी ढांचे का विस्तार: इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाए जाने के लिए न केवल व्यापक चार्जिंग पॉइंट की आवश्यकता होती है, बल्कि स्मार्ट शहरी बुनियादी ढांचे के एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र से भी लाभ मिल सकता है, जिसमें यातायात प्रवाह और पार्किंग प्रणालियां शामिल हैं, जो सॉफ्टवेयर, डेटा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) तकनीकों द्वारा तेजी से संचालित होती हैं। यह बदलाव शहरी क्षेत्रों में नए उच्च-कौशल रोज़गार के अवसर खोलता है। प्रमुख फोकस क्षेत्रों में सेंसर-आधारित यातायात और पार्किंग प्रबंधन प्रणालियां विकसित करना, गतिशीलता सेवाओं के समन्वय के लिए डिजिटल शहरी नियंत्रण केंद्र स्थापित करना, और विभिन्न परिवहन साधनों को एकीकृत करने वाले एकीकृत मोबिलिटी-एज़-ए-सर्विस (MaaS) प्लेटफ़ॉर्म बनाना शामिल है। ये प्रगति न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में सहायक हैं, बल्कि शहरी गतिशीलता प्रणालियों के आधुनिकीकरण में भी मदद करती हैं।
रोजगार-केंद्रित इलेक्ट्रिक वाहन परिवर्तन संभव हो सकता है
संक्षेप में, इलेक्ट्रिक वाहन तभी रोज़गार पैदा कर सकते हैं जब "ईवी क्षेत्र" माने जाने वाले क्षेत्र के दायरे को विशुद्ध निर्माण से आगे बढ़ाया जाए। रोज़गार वृद्धि केवल वाहनों की असेंबली से नहीं, बल्कि उनसे संबद्ध क्षमताओं, सेवाओं और प्रणालियों के सृजन से आएगी।
इसका तात्पर्य है:
- निम्न-कौशल असेंबली से उच्च-कौशल इंजीनियरिंग, प्रोटोटाइपिंग और सिस्टम एकीकरण की ओर अग्रसर होना,
- केवल विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय रोजगार-समृद्ध गतिशीलता सेवाओं का समर्थन करना, और
- ई.वी. योजना को व्यापक डिजिटल और शहरी अवसंरचना रणनीतियों में शामिल करना।
दक्षिण एशिया के देश इस क्षेत्र में नेतृत्व करने की अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। औद्योगिक नीति, कौशल विकास और शहरी बुनियादी ढांचा के संबंध में आज चुने गए विकल्प यह निर्धारित करेंगे कि क्या ईवी परिवर्तन समावेशी, भविष्य के लिए तैयार रोजगार सृजन की कहानी बन पाएगा।
लेखक एमिलियानो डच को इस पूरे कार्य के दौरान उनकी बहुमूल्य सलाह और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।
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