दुनिया के सबसे प्रभावशाली तकनीकी आयोजन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो (सीएसई) के साथ साझेदारी में एक साल पहले जब महिलाओं के लिए ग्लोबल टेक चैलेंज की शुरुआत हुई थी तब हमलोगों के पास बहुत कम जानकारी उपलब्ध थी कि विशाल वैश्विक महामारी कोविड दुनिया को इतना बदल देगा|
इसी वजह से महिलाओं और पुरुषों के बीच मौजूद डिज़िटल खाई को पाटने की चुनौती और भी गंभीर हो गई है| क्योंकि पहले से ही डिज़िटल तकनीक के इस्तेमाल करने में महिलाएं, पुरुषों से पीछे चल रही थीं और कोविड-19 की महामारी ने इस अनुपात को और भी ख़राब किया है|
हम जानते हैं कि महिलाओं और उनके समुदायों के लिए कनेक्टिविटी बेहतरीन आर्थिक और सामाजिक अवसरों के दरवाजे खोल सकती है और इससे अंतत: देश का विकास संभव है| बावजूद इसके दुनिया भर की 52 प्रतिशत महिलाओं तक इंटरनेट की पहुंच नहीं है| वहीं विकासशील देशों में, पुरुषों की तुलना में 33 प्रतिशत कम महिलाओं तक इंटरनेट पहुंच सका है|
कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक्स शो 2021 की ओर से ‘ग्लोबल टेक चैलेंज: सॉल्यूशंस फॉर वुमेन’ के विजेता, इंटरनेट से महिलाओं की दूरी वाली दृष्टिकोण को बदलने में अपना योगदान दे रही हैं| ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं तक कनेक्टिविटी और सूचना पहुंचाने से लेकर दूर दराज़ की महिला उद्यमियों को परामर्श देने तक ये संस्थाएं महिलाओं को डिज़िटल तकनीक से जोड़ने में जुटी हुई हैं|
क़रीब 200 आवेदकों में जिन तीन को विजेता आंका गया, उन्होंने अपने आस पास की महिलाओं और समुदायों पर डिज़िटल तकनीक के इस्तेमाल से पड़ने वाले असर को सबसे बेहतर ढंग से दर्शाया था|
• डिज़िटल इन्क्यूबेशन कार्यक्रम के माध्यम से, ब्रिज़ फॉर बिलियन 70 से अधिक देशों की 717 महिला उद्यमियों को सहायता पहुंचा चुकी है, जिससे उन्हें गुणवत्ता उद्यमिता प्रशिक्षण हासिल करने में, मार्गदर्शन करने और कारोबारी अवसरों तक पहुंचने में मदद मिली है| उद्यमियों और परामर्शदाता को जोड़ने के लिए इस संस्था का एकदम अनोखा व्यवसायिक मॉडल चयन समिति को पसंद आया| साथ ही, संस्था ने कार्यक्रम के डिज़ाइन और उसे लागू करने में भी लैंगिक बराबरी का ख़ास ध्यान रखा है|
• 2008 में स्थापना के बाद से माइक्रोमेंटॉर ने 12,481 महिला उद्यमियों को परामर्श उपलब्ध कराया है| इस मुफ़्त प्लेटफ़ॉर्म में अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषाओं में भी सुविधाएं उपलब्ध हैं, यही वजह है कि यह अपेक्षाकृत कम सुविधाओं वाले उद्यमियों तक भी पहुंच सका है| माइक्रोमेंटॉर प्लेटफ़ॉर्म, भौगोलिक दूरी और सांस्कृतिक अंतर के बावजूद भी परामर्श देने वालों और परामर्श लेने वाली महिला उद्यमियों के बीच सेतु का काम करता है| इस वजह से संस्था को विजेताओं में चुना गया है|
• सूचनाप्रेन्योर उद्यमिता कार्यक्रम भारत के ग्रामीण नागरिकों को मेराऐप के माध्यम से सरकारी सुविधाओं और डिज़िटल सेवाओं के बारे में सूचनाएं उपलब्ध कराता है| इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 25,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है| लगभग 50 लाख महिलाओं को इस कार्यक्रम के द्वारा डिज़िटली सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है| मेराऐप एक तरह से प्रौद्योगिकी का नूतन उपयोग है क्योंकि भारत यह की विशाल भाषाई विविधता को दूर करने वाला बहुभाषी ऐप है जो भारत के दूर दराज़ के हिस्सों में उल्लेखनीय तौर पर कारगर है|
हम इन डिज़िटल प्रयोग करने वाली चयनित संस्थाओं के साथ काम करने को तत्पर हैं ताकि दुनिया भर की महिलाएं और लड़कियां डिज़िटल बदलाव के द्वारा मिले अवसरों का लाभ उठा सकें|
विजेताओं के बारे में अधिक जानने के लिए यह वीडियो देखें|
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