प्लास्टिक कचरे से बनी सड़कें’: क्या दक्षिण एशिया के लिए यह योग्य है ?

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Cover image of World Bank report "Plastic Waste in Road Construction: A Path Worth Paving?" Cover image of World Bank report "Plastic Waste in Road Construction: A Path Worth Paving?"

प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन में सर्वत्र है, और वर्ष 1950 में इसके वाणिज्यिकरण के समय से ही वैश्विक प्लास्टिक उत्पादन तेजी से बढ़ता रहता रहा है। वर्ष 2015 में हमने समस्त मानव आबादी के संयुक्त वजन के लगभग बराबर प्लास्टिक का उत्पादन किया। यदि हमने यह इसी तरह जारी रखा तो 2040 में वैश्विक स्तर पर निकला प्लास्टिक कचरा दोगुना होकर 43 करोड़ मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगा, और समुद्री प्लास्टिक 2050 तक पूरे समुद्र में सभी मछलियों के कुल वजन के बराबर हो जाएगा। इससे कई प्रजातियों का खात्मा हो जाएगा, पूरे पारिस्थितिक तंत्र को क्षति पहुंचेगी और जलवायु परिवर्तन में तेजी आएगी।

दक्षिण एशिया प्लास्टिक प्रदूषण से जूझ रहा है। यह क्षेत्र प्रति वर्ष 33.4 करोड़ मीट्रिक टन कचरा डंपिंग, जिसमें 4 करोड़ टन प्लास्टिक है, के साथ कचरे की खुली डंपिंग में दुनिया के नेतृत्व करता है। कार्रवाई के अभाव में, दक्षिण एशिया के कुप्रबंधित कचरा 2050 तक 66.1 करोड़ मीट्रिक टन प्रति वर्ष हो जाएगा, जिससे इस क्षेत्र को दुनिया के प्लास्टिक प्रदूषण के अग्रणी उत्पादकों में एक होने का अवांछित तमगा मिलेगा। प्लास्टिक निर्माण से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी होता है और पहले से ही बढ़ रहे समुद्री स्तर और पारिस्थितिकी पतन से पर्यावरण को खतरे के बीच, दक्षिण एशियाई देश जलवायु परिवर्तन के भीषण प्रभावों से बड़े जोखिम से घिरे हैं।

दुनिया जब प्लास्टिक कचरे की समस्या का नवाचारी समाधान ढूंढने की जद्दोजहद में जुटी है, वहां इस दिशा में पक्की सड़कों में नॉन-रिसाइक्लेबल प्लास्टिक कचरे का उपयोग एक अल्पज्ञात राह है। विश्व बैंक की एक नयी रिपोर्ट – सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरा : पक्की सड़कों की राह? – मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की रक्षा करते हुए सड़क निर्माण के लिए प्लास्टिक कचरे के पुन: उपयोग पर वर्तमान में उपलब्ध वैज्ञानिक जानकारी का परीक्षण करता है।

Moving conveyor transporter in a modern waste recycling processing plant.
यदि प्लास्टिक कचरे का उपयोग आवश्यक बुनियादी ढांचे को बनाने में किया जा सकता हो तो इससे पृथ्वी को साफ रखने में योगदान मिलेगा। हालांकि, सड़क निर्माण में रीसाइकिल प्लास्टिक के प्रयावरणीय विचारों पर ज्ञान का महत्वपूर्ण अभाव है। छवि : शटरस्टॉक

सड़क निर्माण में जोड़ने वाली सामग्री, बिटुमेन को संशोधित करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग होने वाले वर्जिन पॉलिमर को गैर-रीसाइकिल प्लास्टिक के लिए एक उपयोगी अंतिम सिंक के रूप में प्रतिस्थापित करने का है। यदि हम इस मार्ग का अनुसरण करते हैं – और मान लेते हैं कि एक किलोमीटर सड़क के लिए लगभग एक टन प्लास्टिक की आवश्यकता है — तो इसमें 57,803 एक-उपयोग खाद्य डब्बों, 25 लाख स्ट्रॉ या 1,66,667 एक-उपयोग सब्जी बैग को समुद्री कचरा बनने से रोकने की संभावना है। इसके अलावा, प्लास्टिक सड़कों से जीएचजी में कमी आने का भी अनुमान है, प्लास्टिक कचरे को जलाने की तुलना मेंएक किलोमीटर प्लास्टिक सड़क से लगभग 3 टन कार्बन डाई ऑक्साइड की बचत होती है।

पूरे दक्षिण एशिया के तेजी से वृद्धि कर रहे कई विकासशील देशों में, विकास एजेंडा के लिए महत्वपूर्ण, ठोस पक्की सड़कों का अब भी अभाव है। सड़कें आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों के साथ ही साथ व्यापार, उत्पादकों को उपभोक्ताओं से, लोगों को नौकरी से, बच्चों को स्कूल से और रोगियों को अस्पतालों से जोड़ने में केंद्रीय स्थान रखती हैं, और इस तरह आर्थिक गतिविधियां बढ़ाती हैं और गरीबी घटाती हैं। यदि आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल किया जा सकता है, तो हम नागरिकों को परिवहन उपलब्ध करा सकते हैं और अपने ग्रह को स्वच्छ रखने में योगदान दे सकते हैं।

लेकिन एक चेतावनी है …

हम अब तक नहीं जानते कि हम क्या नहीं जानते

यद्यपि सड़क निर्माण में रीसाइकिल प्लास्टिक का उपयोग नया नहीं है, परंतु इस अवधारणा को इसके पर्यावरणीय विचारों के मूल्यांकन के कठोर एवं अनुशासित प्रक्रिया में से नहीं गुजारा गया है। ‘भारत के प्लास्टिक मैन’ डॉ. राजगोपालन वासुदेवन द्वारा 2006 में एक प्लास्टिक सड़क निर्माण विधि का पेटेंट कराये जाने के साथ भारत ने प्लास्टिक सड़क निर्माण की मार्ग का नेतृत्व किया है। तबसे, भारत ने 2500 किलोमीटर (अमेरिका की चौड़ाई के आधा) प्लास्टिक सड़कों का निर्माण किया है। वैश्विक स्तर पर भी, 15 से अधिक देशों में पायलट या निर्माणाधीन परियोजनाओं के तहत तेजी से प्लास्टिक सड़कें बन रही हैं।

यद्यपि, कुछ अज्ञात चीजें हैं जिन्हें कड़े वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए जांचने की आवश्यकता है :

  • यद्यपि परंपरागत संड़कें और टायर वियर माइक्रोप्लास्टिक का एक उल्लेखनीय स्रोत हैं, परंतु विशेष रूप से प्लास्टिक सड़क से माइक्रोप्लास्टिक सृजन को बेहतर ढंग से समझने की आवशअयकता है।
  • प्लास्टिक एडिटिव्स की संभावित निकासी और क्रैकिंग प्रतिरोध जैसी इंजीनियरिंग विशिष्टताओं के गहन अध्ययन की आवश्यकता है।
  • उच्च तापमान में प्लास्टिक का प्रसंस्करण करते समय खतरनाक कणों के उत्पादन और सांस के साथ भीतर जाने से कामगारों के पेशागत स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए दिशा-निर्देश विकसित करने की आवश्यकता है।

परंपरागत सड़कें अत्यधिक रीसाइकिल योग्य होती हैं, परंतु यह अभी तक अज्ञात है कि क्या प्लास्टिक सड़कों को उनकी जीवनावधि खत्म होने पर रीसाइकिल किया जा सकता है।

Infographic on technology readiness and level of uncertainty in existing knowledge gaps of plastic roads.
यद्यपि सड़क निर्माण में रीसाइकिल प्लास्टिक का उपयोग नया नहीं है, परंतु इस अवधारणा को इसके पर्यावरणीय विचारों के मूल्यांकन के कठोर एवं अनुशासित प्रक्रिया में से नहीं गुजारा गया है।

बांग्लादेश : लचीली, प्लास्टिक सड़कों के साथ जलवायु झटकों से निपटना

गाजीपुर में प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके ग्रामीण सड़क का निर्माण कर एक सफल लघु पायलट से प्रोत्साहित जलवायु संवेदी बांग्लादेश अपने आठ प्रशासनिक मंडलों में सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरा समेत लचीली सामग्री के उपयोग का पता लगाने के लिए विश्व बैंक से हाथ मिला रहा है। इसका लक्ष्य, क्या ये सड़कें प्राकृतिक आपदा के झटकों का सामना बेहतर ढंग से करती हैं, का अध्ययन करना और यह मापने और निगरानी करने के लिए पहली बार पर वैज्ञानिक अनुसंधान करना है कि क्या प्लास्टिक सड़कों में कौन सा माइक्रोप्लास्टिक – यदि कोई हो – पर्यावरणीय क्षति का कारण है।

देश का दो तिहाई हिस्सा समुद्र स्तर से ऊपर 15 फुट से कम पर है और हर वर्ष उच्च ज्वारभाटा और अधिक भूमि को अपने चपेट में लेते हैं। इससे बांग्लादेश चरम मौसम की घटनाओं से तेजी से आसानी से प्रभावित होने वाला होता जा रहा है। बांग्लादेशियों की जीवन रेखा – ग्रामीण सड़कें न केवल अगम्य और अविश्वसनीय हो गयी हैं, बल्कि आपदा के बाद की स्थिति में बाढ़ से आश्रय के रूप में उपयोग किये जाने या सामाजिक एवं आर्थिक सुधार सहायता एकत्र किये जाने की दृष्टि से भी खतरनाक हो गयी हैं। प्लास्टिक सड़क के प्रथम पायलट ने उम्मीदें जगायीं : प्लास्टिक सड़कें बाढ़ में क्षतिग्रस्त नहीं हुईं, चरम गर्मियों में बिटुमेन से रिसाव का प्रतिरोध किया, केवल बिटुमेन का उपयोग करने के मुकाबले निर्माण के लिए ज्यादा लागत प्रभावी है, बढ़ते लैंडफिल के मुकाबले खतरनाक प्लास्टिक कचरे के लिए एक स्वच्छ निकासी मार्ग है।

स्थिरता की ओर

यद्यपि ज्ञान अंतराल बना हुआ है, फिर भी सड़कों में प्लास्टिक कचरे का उपयोग रीसाइकिल न होने योग्य प्लास्टिक कचरे के एक बड़े हिस्से को पर्यावरण में बड़े पैमाने का प्रदूषक बनने से रोक सकता है। परंतु एक संकट को सुलझाने के क्रम में दूसरा संकट बढ़ाना सही जवाब नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि यह रिपोर्ट इस मुद्दे पर एक गहन बहस छेड़ेगी कि हम उन संभाव्य समाधानों पर मिलकर कैसे काम कर सकते हैं जो लोगों के लिए, पर्यावरण के लिए और हमारे सामूहिक कल्याण के लिए अच्छे हैं। बांग्लादेश में किये गये परीक्षण की तरह पायलट परियोजनाओं के साथ समय एवं साक्ष्य आधारित अनुसंधान अंतत: हमें बता सकते हैं कि प्लास्टिक सड़कें पक्की सड़कों की राह हैं या नहीं।


Authors

पवन पाटिल

विकास बैंकर, हार्वर्ड, ऑक्सफोर्ड और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से प्रशिक्षत अर्थशास्त्री एवं श्रृंखलाबद्ध सामाजिक उद्यमी

नताल्या स्टैनकेविच

वरिष्ठ परिवहन विशेषज्ञ

निना सिडेनोवा

पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन एवं नीली अर्थव्यवस्था, विश्व बैंक

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