मार्गरेट क्लार्क विश्व बैंक की एक वरिष्ठ शिक्षा विशेषज्ञ हैं, जो वर्तमान में नई दिल्ली में काम कर रही हैं। वह शिक्षा और कौशल मूल्यांकन जैसे विषयों पर विश्व बैंक के काम का नेतृत्व करती हैं। वह पिछले 20 साल से दुनिया भर में शिक्षा व्यवस्था की मजबूती पर काम करती रही हैं, जहां 21वीं सदी में ज़रूरी कौशल, सीखने की क्षमता, शिक्षार्थियों के मूल्यांकन, परीक्षाओं, व्यावसायिक शिक्षा और छूटी हुई पढ़ाई को दुबारा शुरू करने जैसे विषयों पर उन्हें काम करने का गहन अनुभव है। वर्तमान में वह भारत के नई मंजिल (न्यू होराइजंस) कार्यक्रम के लिए टास्क टीम लीडर के तौर पर काम कर रही हैं। यह कार्यक्रम भारत के अल्पसंख्यक समुदाय के उन युवाओं को शिक्षा और बाज़ार समर्थित कौशल प्रशिक्षण देने का प्रावधान करता है, जिनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई थी। विश्व बैंक के साथ जुड़ने से पहले, मार्गरेट ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पढ़ाती थीं, और उन्होंने जापान और आयरलैंड में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल शिक्षिका के तौर पर भी काम किया है। उन्होंने एजुकेशनल रिसर्च, मेजरमेंट एंड इवेल्यूएशन में पीएचडी की है और यूनेस्को इंस्टीट्यूट फॉर स्टैटिस्टिक्स 'ग्लोबल एलायंस टू मॉनिटर ले एमएल) की सदस्य हैं। इसके अलावा, वह सतत विकास लक्ष्य संख्या 4।1 ("2030 तक सभी लड़के एवं लड़कियों को समतापूर्ण ढंग से उच्च गुणवत्तायुक्त प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर तक नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करना, जिसके परिणाम प्रासंगिक और प्रभावी हों) के कार्यदल की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।