क्या ओपन डेटा (खुला/सर्वसुलभ डेटा) की वजह से ऊर्जा खपत में कमी आ सकती है (और इसलिए जलवायु परिवर्तन धीमा हो सकता है)? क्या ओपन डेटा से मातृत्व स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सकती हैं (और इस तरह सेवाओं के सार्वजनिक वितरण संबंधी पहलुओं को बेहतर किया जा सकता है)? क्या ओपन डेटा से किसानों और फसल बीमाकर्ताओं को फसल संबंधी पूर्वानुमान लगाने में मदद मिल सकती है (और इस तरह कृषि में निवेश के अधिक समझदारी वाले निर्णय लिये जा सकते हैं)? क्या पुलिस भ्रष्टाचार से लड़ने में ओपन डेटा नागरिकों को सशक्त कर सकता है (और इस तरह कानून के शासन को प्रोत्साहित करता है)?
क्या पारदर्शिता और जवाबदेही से अधिक लाभ ओपन डेटा में निहित हैं?
उपरोक्त सभी प्रश्नों का बार-बार उत्तर है हां — कम से कम यह देखते हुए जैसे कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं काम करती हैं। निजी क्षेत्र द्वारा लगातार ऐसे नये व्यवसाय व सेवाएं निर्मित किये जा रहे हैं जिनमें ऐसी सेवाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक डेटा का उपयोग किया जाता है जो न सिर्फ व्यावसायिक रूप से सक्षम हैं बल्कि वे सकारात्मक विकास प्रभाव भी डालती हैं। कंपनियां जैसे कि Opower (बिजली के बिल में 3 बिलियन किलोवॉट घंटे से अधिक या लगभग 320 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत हुई), Dimagi (मातृत्व स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मोबाइल फोन आधारित डेटा निर्मित करने वाले), Climate Corporation (फसल की उपज का बेहतर पूर्वानुमान) और कई अन्य कंपनियां तेजी से विकसित होती इस 'नई संपत्ति श्रेणी' के मात्र कुछ उदाहरण हैं जिन्हें काफी हद तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा से बनाया गया है (कि अर्थशास्त्री इन्हें हाल में 'सोने की नई खान' की उपमा दे रहे हैं) जिसका रूपांतरकारी प्रभाव न सिर्फ आर्थिक तौर पर बल्कि विकास परिणामों की दृष्टि से भी पड़ने की संभावना है। और वह स्थान है जहां World Bank और अन्य विकास एजेंसियों का अभी केवल ध्यान ही गया है।
हमारे सामने प्रश्न यह है कि इस बाज़ार को उत्प्रेरित (गतिशील बनाने) करने और इससे जुड़े विकास परिणामों को तीव्र करने के लिए विकास संगठन क्या कर सकते हैं, खास तौर पर विकासशील देशों में? विकासशील देशों में सरकारें और निजी क्षेत्र की कंपनियां व्यावसायिक व विकास के अवसरों का लाभ लेने के लिए किस प्रकार ऐसे बाज़ार में मिलजुलकर काम कर सकते हैं जो मैक्किंसे के अनुमान के अनुसार 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का ओपन डेटा बाज़ार है? हम यह सुनिश्चित कैसे कर सकते हैं कि ओपन डेटा की बढ़ती हुई मात्रा का वास्तव में नये व दिलचस्प तरीकों से ऐसा उपयोग हो जिसकी उम्मीद ओपन डेटा के शुरुआती दिग्गजों ने की थी?
बाजार अंतर क्या है?
हालांकि विकासशील देशों में डेटा के बाज़ार अवसर और रूपांतरकारी विकास प्रभाव की संभावना दोनों के बारे में आम सहमति बढ़ती जा रही है परंतु फिर भी विकासशील देशों के डेटा सेक्टर में केवल सीमित व्यावसायिक गतिविधि ही हुई हैं। हमारा मानना है कि एक-दूसरे से परस्पर जुड़े हुए कारणों की श्रंखला बाज़ार को पीछे रोक रही है —
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संभवत: पुन: उपयोगी या ओपन डेटा की मात्रा मुख्य बाधा है। यदि उद्योग के लिए मुख्य कच्ची सामग्री डेटा है तो यह बात तर्कसंगत है कि फ़र्म केवल तभी उन्नति करेंगी जबकि डेटा की प्रचुर मात्रा उपलब्ध होगी। ये कमियां मुख्य तौर पर इन कारणों से हैं –
- सार्वजनिक दायरे में 'उच्च मूल्य' वाला ओपन डेटा सापेक्षिक रूप से कम है (ओपन डेटा के अधिकांश आरंभिक प्रवाह की प्रवृत्ति भी उच्च-स्तरीय होने की होती है)
- पारदर्शिता से आगे, ओपन डेटा का सरकारों के लिए अभी भी कोई स्पष्ट मूल्य नहीं है
- कई बार ओपन डेटा महंगा हो सकता है — अग्रिम व प्रबंधन/रखरखाव दोनों नजरियों से
- संभव है कि सरकारें ओपन डेटा के मंचों से परिचित न हों, या संभव है कि उपयुक्त मंच मौजूद ही न हों
- अभी तक ओपन डेटा का ऐसा 'मानक' नहीं है जो 'न्यूनतम रूप से सक्षम' के तौर पर स्पष्ट रूप से स्वीकृत हो जिसे हासिल करने की दिशा में सरकारें काम कर सकती हैं
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विकासशील देशों में ओपन डेटा के आसपास की नीति/नियामक वातावरण अपूर्ण है —
- इस बारे में कुछ ही सरकारों के पास स्पष्ट कानून/विनियम हैं कि किस डेटा को सार्वजनिक बनाया जा सकता है या नहीं बनाया जा सकता है और क्यों
- बेहद कम सरकारों ने स्पष्ट कानूनी व आर्थिक दिशानिर्देश लागू किये हैं जो निजता व बौद्धिक संपदा के वैध विचारार्थ बिंदुओं पर ध्यान देते हुए ओपन डेटा के संभावित उपयोग को अधिकतम करते हैं
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प्रशिक्षित डेटा वैज्ञानिकों की कमी है खास तौर पर विकासशील देशों में
- दुनिया के अधिकांश हिस्सों में किसी ऐसे उपक्रम संबंधी पारिस्थितिकी तंत्र की अनुपस्थिति ने इस स्थिति को अधिक खराब कर दिया है जो डेटा द्वारा संचालित प्रयासों से प्रगति करें, स्थायी बने रहें और लाभ उठाएं
- इस क्षेत्र में 'गुणवत्तायुक्त निवेश अवसरों की कमी' के बारे में अभी भी निवेशकों की चिंताएं बनी हुई हैं
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निवेश का आकार भी एक चिंता है। शुरुआती चरण की कंपनियों को अक्सर बहुत कम निवेश की आवश्यकता होती है या उनके लिए अनुदान सबसे उपयुक्त रहता है
- इस सेक्टर में मानव पूंजी की कमी भी है –
- उभरती हुई स्मार्ट डेटा फ़र्म की वित्त तक पहुंच भी एक प्रमुख समस्या है –
भविष्य का रास्ता
इसलिए हालांकि ओपन डेटा कार्यक्रमों वाले कई देश पिछले दो वर्षों के दौरान काफी तेजी से आगे बढ़ें हैं, ओपन डेटा का व्यावसायिक मूल्य अभी भी अप्रयुक्त है खास तौर पर विकासशील देशों में। इससे निर्धनता कम करने और साझा समृद्धि बढ़ाने का अवसर निकलता हुआ व्यक्त होता है। यह विकासशील देश की सरकारों द्वारा अधिक सरकारी डेटा को निरंतर खोलने में भी अवरोध उत्पन्न करता है।
सरकारों व निजी क्षेत्र के साथ मजबूत भागीदारी रखने वाले और ऐसे विकास संगठनों के लिए यह एक स्पष्ट अवसर है जो ओपन डेटा संवाद को पारदर्शिता और जवाबदेही से आगे विस्तारित करने में और विकास प्रभाव, डेटा उपयोग/उपयोगिता और आर्थिक परिणामों में ओपन डेटा की रूपांतरकारी संभावना को पहचानते हैं। अच्छा समाचार यह है कि ऊपर बताई गई चुनौतियों के विभिन्न पहलुओं पर पहले से ही कई प्रभावी प्रयास काम कर रहे हैं लेकिन यह कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसे कोई एक जादू की छड़ी दूर कर सकती है — इसमें वित्त से जुड़ी कमियां भी हैं लेकिन एकमात्र वित्त ही इसका उत्तर नहीं है। इसी प्रकार से, डेटा को खुला बनाने, मानव पूंजी और नीति व नियामक वातावरण संबंधी चुनौतियां हैं लेकिन इनमें से किसी भी चुनौती को अलग से सुलझाना अधिक कारगर सिद्ध नहीं होगा। इसमें एक समन्वयपूर्ण दृष्टिकोण से मदद मिलेगी जो पूरे चक्र में सकारात्मक फीडबैक सर्किट निर्मित करता है। कोई ऐसी चीज़ जो ओपन डेटा सेवाओं की डोरी को व्यावसायिक प्रभाव की ओर स्पष्टता से बांध देती है।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कौन कदम आगे बढ़ाएगा? हमारे द्वारा प्रस्तुत कुछ विचार जानने के लिए इस स्थान को देखते रहें लेकिन उम्मीद है कि इस क्षेत्र में आपके द्वारा किये जा रहे काम के बारे में आपकी राय भी मिलेगी।
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